5 Essential Elements For sidh kunjika



नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

अति गुह्यतरं देवि ! देवानामपि दुलर्भम्।।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

No. Pratyahara usually means to provide the senses within. That is certainly, closing off exterior notion. Stambhana fixes the perception within by holding the imagined even now together with the feeling.

इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत more info होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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